कानपुर हादसा: देर रात तक जागे रहे सीएम योगी, जानें कैसे संभाला मोर्चा


हाइलाइट्स

कानपुर हादसे की सीएम योगी ने खुद की मॉनिटरिंग
देर रात तक जागते हुए पीड़ितों के लिए कराई व्यवस्था
सीएम ने पीड़ितों के परिजनों से व्यक्तिगत की मुलाकात

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 1 अक्टूबर की रात हुए हादसे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हिलाकर रख दिया था. हादसे की जानकारी लगते ही सीएम योगी ने खुद कमान संभाली और अफसरों को लाइन पर लेना शुरू किया. वह देर रात बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग करते रहे. अपने तय कार्यक्रमों को रद्द कर सीएम योगी पीड़ितों के बीच कानपुर पहुंचे. उन्होंने यहां अभिभावक बन पीड़ितों का दर्द जाना.

हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया. बात यहीं खत्म नहीं हुई, मुख्यमंत्री ने देर रात तक पूरी घटना की खुद मॉनिटरिंग करते हुए पल-पल की जानकारी अधिकारियों से ली. सीएम योगी ने आनन-फानन में राज्य सरकार के दो बड़े मंत्रियों को तत्काल प्रभाव से मौके पर जाने के निर्देश दिए और दूसरी तरफ अस्पताल में घायल लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था कराई.

चारों तरफ हाहाकार
पूरी रात इसी आपाधापी में गुजर गई, लेकिन कोरथा गांव में रातभर कोई सो नहीं पाया. कोई अपने करीबी की लाश लेकर घर पहुंच रहा था, तो किसी के घर के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही थीं. पुरुष अपने आंसू चाहकर भी नहीं रोक पा रहे थे. किसी को समझ ही नहीं आ रहा कि एक काली रात ने उनके जीवन से उजाले को छीन लिया है. रोते-बिलखते गांव के लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.

सीएम ने बांटा दर्द
इस बीच अचानक उन्हें पता चला कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अपने कार्यक्रम को निरस्त कर गांव में लोगों का दर्द बांटने पहुंच रहे हैं. फिर क्या था, आस-पास के गांव वाले भी सीएम योगी से मिलने और उन्हें देखने कोरथा गांव पहुंचने लगे. दोपहर करीब एक बजे मुख्यमंत्री योगी अपने अधिकारियों के साथ सबसे पहले हैलट अस्पताल पहुंचे और वहां उन्होंने घायलों के परिजनों से हालचाल लिया. करीब 20 मिनट तक उन्होंने एक बेटे, एक पिता और एक अभिभावक का फर्ज निभाते हुए लोगों को दर्द बांटा.

पीड़ितों के परिवार से व्यक्तिगत की मुलाकात
इतना ही नहीं सीएम योगी खुद उस कोरथा गांव में भी पहुंचे, जहां सिर्फ रोने और चीखने की आवाजें गूंज रही थी. उन्होंने अपने काफिले को पहले ही रोककर पैदल चलते हुए करीब 10 परिवारों से व्यक्तिगत मुलाकात की. उन्होंने खुद एक-एक परिवार से बात की और पूरी घटना की जानकारी ली. सीएम परिवारों से बात तो कर रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर उदासी और आंखों में नमी ये बता रही थी कि ये सिर्फ गांव के लोग नहीं, बल्कि उनके अपने हैं.

Tags: Kanpur accident, Yogi adityanath



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