कैबिनेट मंत्री संजय निषाद की बढ़ीं मुश्किलें, अब MP-MLA कोर्ट ने जारी किया समन; दिया यह आदेश


हाइलाइट्स

संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर कोर्ट ने जारी किया है NBW
संजय निषाद को अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी समन जारी किया.
सात जून 2015 का है मामला.

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. साल 2015 में सहजनवां के कसरावल में हुए उपद्रव मामले में गोरखपुर के सीजेएम कोर्ट के गैर जमानती वारंट के बाद अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी संजय निषाद को समन जारी किया है. निषाद पार्टी यानी निर्बल भारतीय शोषित हमारा आम दल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी सरकार में मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद को एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो गोरखपुर ने समन जारी किया है और तीन दिन के भीतर कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. इस बाबत आरपीएफ बस्ती पोस्ट के दारोगा ने मंगलवार को पादरी बाजार स्थित कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास पर समन चस्पा किया.

इधर, सहजनवा के कसरावल में हुए उपद्रव मामले में पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे में आज यानी बुधवार को संजय निषाद की गोरखपुर कोर्ट में पेशी है. संजय निषाद ने कहा है कि वह इस मामले में आज कोर्ट में पेश होंगे. दरअसल, सहजनवा के कसरावल में रेलवे ट्रैक जाम करने के मामले में आरपीएफ बस्ती के तत्कालीन पोस्ट प्रभारी ने संजय निषाद और उनके सहयोगियों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. जिसकी सुनवाई गोरखपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में चल रही है. उसी मामले में कोर्ट ने तीन दिन के अंदर संजय निषाद को हाजिर होने के लिए समन जारी किया है.

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दरअसल, सात जून 2015 को आरक्षण की मांग को लेकर संजय निषाद के नेत्तृव में बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया था. जब पुलिस ने इसे हटाने का प्रयास तो किसी ने पत्थर चला दिया, जिसके बाद लाठीचार्ज हुआ. आसूं गैस के गोले दागे गये, रबर बुलेट का इस्तेमाल हुआ और इसके बाद बाद उग्र हुए आन्दोलनकारियों ने पुलिस और आम लोगों की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इसी दौरान कई राउंड गोली चली. जिसकी चपेट में आने से इटावा के अखिलेश निषाद को गोली लगी और उनकी मौत हो गयी थी.

इस उपद्रव के खिलाफ तत्कालीन सहजनवां थानेदार श्यामलाल यादव ने संजय निषाद समेत 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और इसी मामले में आरपीएफ ने भी रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. कहा जाता है कि कसरावल की घटना के बाद संजय निषाद के राजनीतिक सितारे चमक उठे और आज उनके परिवार में एक बेटा भाजपा से सांसद, दूसरा बेटा भाजपा से विधायक और वो खुद एमएलसी होने के साथ कैबिनेट मंत्री हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में संजय निषाद ने 16 सीटों पर प्रत्याशी लड़ाये थे, जिनमें से निषाद पार्टी के चुनाव चिह्न पर 6 विधायक चुने गये. वहीं, संजय निषाद के कोटे से भाजपा के सिम्बल पर 5 विधायक विजयी हुए थे.

Tags: Gorakhpur news, Sanjay Nishad, Uttar pradesh news



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