झांसी में एक साथ करिए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, मंदिर के शिखर पर 40 फीट ऊंचा शिवलिंग


शाश्वत सिंह

झांसी. हिंदू आस्था का सबसे पवित्र महीना कहे जाने वाला सावन माह चल रहा है. इस महीने में हर भक्त महादेव की अराधना में लीन है. हर ​शिव भक्त की यही कामना होती है​ कि वह सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकें. लेकिन विभिन्न कारणों से सभी भक्तों की यह इच्छा पूरी नहीं हो पाती है. भक्तों की इसी आस्था को में ध्यान रखते हुए उत्तर प्रदेश के झांसी के दीनदयाल नगर में स्थित भारत माता मंदिर में एक भव्य शिवालय बनाया गया है. इस शिवालय के शिखर पर एक भव्य शिवलिंग बनाया गया है. साथ ही मंदिर के गर्भगृह में सभी 12 ज्योतिर्लिंग के प्रतिरूप भी स्थापित हैं. यहां एक ही जगह भी भक्तगण अराध्य शिव के सभी रूपों के दर्शन कर सकते हैं.

ताकि हर भक्त की इच्छा हो पूरी
मंदिर समिति के सचिव भानु प्रताप सिंह परिहार ने बताया कि बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र के लोगों की आर्थिक सहायता इतनी अच्छी नहीं होती है कि वह 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने जा सकें. लेकिन आस्था तो सबके मन में होती है. शिव भक्तों की इसी आस्था को ध्यान में हुए इस मन्दिर की स्थापना की गई है. अष्टभुज आकार के इस मन्दिर में 12 ज्योतिर्लिंग के साथ बीच में महाकाल का प्रतिरूप स्थापित है. इसके साथ ही मंदिर के शिखर पर 40 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया गया है. यह शिवलिंग दूर से ही दिखाई देता है.

उज्जैन के महाकाल मंदिर शिवलिंग का प्रतिरूप
4 ज्योतिर्लिंगों के बाहरी स्वरूप के 3डी स्वरूप यहां बनाए गए हैं. इसके साथ ही 7 ज्योतिर्लिंगों के चित्र भी बने हुए हैं. जल्द ही इनके 3डी रूप भी तैयार कर लिए जाएंगे. मंदिर के बीच में उज्जैन के महाकाल मंदिर के शिवलिंग के प्रतिरूप को स्थापित किया गया है. इसके साथ ही हर मंदिर में बने अलग प्रकार के शिवलिंग का प्रतिरूप भी यहां स्थापित किया गया है. शिव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अवशेष तिवारी ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों के एक साथ दर्शन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं द्वादश ज्योतिर्लिंग
गौरतलब है कि भारत में 12 ज्योतिर्लिंग हैं. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति अपने जीवन में एक बार शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लेता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है. यह ज्योतिर्लिंग देश के अलग अलग हिस्सों में स्थापित हैं.
– गुजरात में सोमनाथ
– आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन
– मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर
– खंडवा में ॐकारेश्वर
– उत्तराखंड में केदारनाथ
– महाराष्ट्र के पुणे में भीमाशंकर
– नासिक में त्रयंबकेश्वर
– उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ
– झारखंड में बैद्यनाथ
– गुजरात में नागेश्वर
– महाराष्ट्र में घुश्मेश्वर
– तमिलनाडु में रामेश्वरम

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