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ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अब तमाम शहरों के मशहूर जायकों का लुत्फ उठा सकेंगे। जैसे लखनऊ में उन्हें बाजपेयी की पूड़ियां, शुक्ला की चाट, प्रकाश की कुल्फी… और ऐसे ही तमाम लोकल फूड वेंडरों की खाद्य सामग्रियां उपलब्ध कराई जाएंगी। आईआरसीटीसी ऐसे तमाम मशहूर वेंडरों को जोड़ने के लिए पोर्टल बनाकर उन्हें पंजीकृत कर रहा है। ई-कैटरिंग से जुड़कर यात्री व वेंडर, दोनों को फायदा होगा।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) छोटे, बडे़ व मशहूर वेंडरों को खाद्य सामग्रियां बेचने के लिए वेबसाइट पर जगह देगा, जहां पंजीकरण कराकर वे व्यवसाय कर सकते हैं। अभी तक इस वेबसाइट पर खानपान की सिर्फ नामीगिरामी कंपनियों को ही जगह मिलती थी। अब तमाम इच्छुक वेंडर अपना रजिस्ट्रेशन कराकर उत्पाद को बढ़ावा दे सकते हैं और अच्छा खासा पैसा भी कमा सकते हैं।
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आईआरसीटीसी के पास उत्तर रेलवे के दो डिवीजन लखनऊ व मुरादाबाद सहित पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी, इज्जतनगर व लखनऊ मंडल तथा उत्तर मध्य रेलवे के तीनों डिवीजन हैं, जहां ट्रेनों के यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी। आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा बताते हैं कि ई-कैटरिंग ऐसी सेवा है, जो चलती ट्रेनों में यात्रियों के लिए बड़ा सपोर्ट है। तमाम ट्रेनें ऐसी हैं, जिसमें पैंट्रीकार की सुविधा नहीं है। ऐसे में ई-कैटरिंग यात्रियों के लिए वरदान है। लखनऊ में अभी तक 24 वेंडर पंजीकरण कराकर अपने फूड आइटम यात्रियों तक पहुंचाते हैं। लखनऊ में रोजाना पांच सौ खानपान के आइटम ई-कैटरिंग से पहुंचाए जा रहे हैं, जबकि इसकी संख्या बढ़ाने का बहुत स्कोप है।
जोमैटो, स्विगी से होगा टाई-अप
लखनऊ के लोकल फूड वेंडरों के आईआरसीटीसी से जुड़ जाने के बाद जब यात्री खानपान के आइटम बुक करेंगे तो दुकान से ट्रेन तक सामान पहुंचाने के लिए जोमैटो, स्विगी की सर्विसेज ली जाएंगी। इनकी वेबसाइट पर भी इन वेंडरों के आइटम बुकिंग के लिए उपलब्ध रहेंगे।