इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 साल बाद माफिया बृजेश सिंह को दी जमानत, मुख्तार अंसारी पर हमले का था आरोप


हाइलाइट्स

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बृजेश सिंह को जमानत दी
मुख्तार अंसारी पर हमले का है आरोप

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी पर हुए जानलेवा हमले व हत्या के षड्यंत्र के आरोपी माफिया बृजेश सिंह उर्फ अरूण कुमार सिंह की जमानत मंजूर कर ली है. जमानत जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की सिंगल बेंच ने किया है. बृजेश सिंह पिछले 12 साल से जेल में बंद है. बृजेश सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में जानलेवा हमला व हत्या सहित आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

बता दें कि बृजेश सिंह पर अपने साथियों के साथ मिलकर पूर्वांचल के माफिया डान मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. हमले में मुख्तार के गनर की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे.

2009 से जेल में बंद
जमानत के समर्थन में याची की ओर से कहा गया कि वह इस मामले में 2009 से जेल में बंद है. इससे पूर्व उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. साथ ही कोर्ट ने विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि मुकदमे के विचारण में एक वर्ष के अंदर सभी गवाहों की गवाही पूरी कर ली जाए और ट्रायल भी पूरा किया जाए. लेकिन अवधि बीतने के बाद भी सिर्फ एक ही गवाह का बयान दर्ज कराया जा सका है.

जमानत के लिए ये तर्क रखे गए
अदालत में यह भी कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मामलों का इतिहास है. इनमें से 15 में वह बरी या डिस्चार्ज हो चुका है. सिर्फ तीन मुकदमों में विचारण चल रहा है. जिनमें से दो मुकदमों में वह जमानत पर है. सिर्फ इस एक मामले में उसे जमानत नहीं मिली है. याची की ओर से कहा गया कि मुकदमे का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद भी नहीं है. राज्य सरकार और मुख्तार अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय द्वारा जमानत अर्जी का विरोध किया गया.

बताया गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मुकदमे हैं. उसे जेल से रिहा करना उचित नहीं है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौदान सिंह केस के निर्देश, तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर बृजेश सिंह को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया.

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