Hathras News:भाजपा विधायक के खिलाफ कोर्ट में प्रार्थना पत्र, फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाकर चुनाव जीतने का आरोप – Application Letter In Court Against Bjp Mla Hathras Anjula Mahaur


अंजुला सिंह माहौर
– फोटो : साेशल मीडिया

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हाथरस के विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट  में सदर विधायक अंजुला सिंह माहौर के खिलाफ प्रार्थनापत्र दिया गया है। इसमें अंजुला माहौर पर अपनी जाति को छिपाकर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाकर चुनाव जीतने का आरोप लगाया गया है। मामले में न्यायालय ने सुनवाई के लिए 13 मार्च की तिथि नियत की है। 

भ्रष्टाचार विरोधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव पुत्र हरचरन लाल निवासी कल्यान नगर थाना बन्ना देवी अलीगढ़ ने विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में अपने अधिवक्ता बिजेंद्र गुप्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें कहा है कि 8 जुलाई 2022 को उन्होंने जिलाधिकारी हाथरस को विधायक अंजुला माहौर के खिलाफ एक प्रार्थना पत्र जाति प्रमाणपत्र की जांच के लिए दिया था। इसमें मांग की थी कि विधायक अंजुला माहौर के जाति प्रमाणपत्र की छायाप्रति प्राप्त कराई जाए। दूसरी सूचना यह मांगी थी कि उनका जन्म किस गांव, शहर व किस परिवार में हुआ है। 

जिलाधिकारी ने इस प्रार्थना पत्र को सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी हाथरस को भेज दिया। प्रार्थनापत्र  के मुताबिक सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने तीन अगस्त 2022 को पत्र के माध्यम से केशव देव को अवगत कराया कि वांछित सूचना रिकॉर्ड एसडीएम हाथरस के यहां पर है। एसडीएम हाथरस द्वारा यह सूचना दी जानी है। इसलिए एसडीएम हाथरस के कार्यालय में संपर्क कर सूचना प्राप्त कर लें।

प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि इस बारे में सही जानकारी नहीं दी गई और यह बताया गया कि महिला की जाति उसके मायके से मानी जाती है। यह मेरे क्षेत्र में नहीं है। किसी भी अधिकारी ने किसी अंजुला माहौर के मायके का पता दिया और ना ही उसकी जाति बताई गई है। इससे स्पष्ट है कि विधायक होने से नाते अंजुला माहौर से अधिकारी डरे और सहमे हुए हैं। स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। 

 प्रार्थना पत्र में केशवदेव ने आरोप लगाया है कि विधायक ने अपना जाति प्रमाणपत्र अपने मायके की जाति को छिपाकर अपनी ससुराल की जाति के आधार पर फर्जी रूप से तैयार कराया है। इसका निरस्त किया जाना आवश्यक है। प्रार्थना पत्र में केशवदेव ने विधायक के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 आईपीसी का मुकदमा स्वीकार कर नोटिस जारी किए जाने की प्रार्थना की है। इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई के लिए 13 मार्च की तिथि  नियत  की है। 



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