हापुड़ हिंसा आरोपी को जमानत: हाईकोर्ट जज की भावुक टिप्पणी-‘इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के…’


प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिंभवली हापुड़ में चुनाव परिणाम के बाद दो राजनीतिक दलों के समर्थकों में टकराव व हिंसा मामले में भूमिका स्पष्ट न होने के कारण आरोपी की जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने गंगा यमुनी तहजीब व भाईचारा कायम रखने के लिए जिला प्रशासन को समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद जारी रखने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.​ हिंसा के आरोपी नवाब की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए जस्टिस अजय भनोट ने कहा कि भीड़ हिंसा समाज में असंतोष का फैलाव करती है, जो कानून के शासन के लिए सही नहीं है. कोर्ट ने कहा सभ्य देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. फिर भी कानून अपना काम करेगा.

कोर्ट ने कहा इसके अलावा अन्य पहलू भी हैं, जिनकी अवहेलना नहीं की जा सकती. कहा कानून और अदालतें समस्या से निपटने का एक मात्र तंत्र नहीं है. समाज के हर वर्ग को शांति कायम रखने के लिए अपनी जवाबदेही तय करनी होगी. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि गंगा यमुनी तहजीब केवल संबोधनों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. इसे आचरण में उतारा जाये. गंगा यमुनी तहजीब मतभेदों सहिष्णुता नहीं, अपितु यह विभिन्नता में हृदय की एकरूपता है.

कोर्ट ने दिया महात्मा गांधी का उदाहरण
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन मृत्यु इसका उदाहरण है. सभी धर्म प्रेम सिखाते है. किंतु कोई हृदय में घृणा भर लेता है. किंतु मानवता से प्रेम नहीं पाल पाता. नि:स्वार्थ सेवा भाव जगाने व घृणा, हिंसा भाव को खत्म करने के लिए संवाद जरूरी है. कोर्ट ने याची से कहा वह जिलाधिकारी व एसपी हापुड़ को समुदायों के बीच संवाद जारी रखने की अर्जी दे. जिला प्रशासन सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए संवाद जारी रखने की व्यवस्था करें.

आजादी के लिए बहा है भारतीयों का खून पसीना
कोर्ट ने कहा गुलामी से आजादी के लिए भारतीयों ने खून-पसीना और आंसू बहाये हैं. इसलिए सभी भारतवासियों का दायित्व है कि देश में सौहार्द बिगड़ने न पाये. कोर्ट ने कवि प्रदीप की कविता का उद्धरण दिया कि हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के. इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के..

यह था मामला
मालूम हो कि हापुड़ में 11 अप्रैल 22 को दो दलों के समर्थकों में चुनाव परिणाम को लेकर टकराव व हिंसा हुई. इसमें कई लोग घायल हो गए. सिंभवली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. अन्य आरोपी अंसार को जमानत मिल चुकी है. याची का कहना था किसी घायल ने उसे चिंहित नहीं किया. उसकी भूमिका तय नहीं है. आरोप सामान्य प्रकृति के है. शिकायत कर्ता व सरकार की तरफ से कहा गया कि आरोपियों की तरफ से कोई घायल नहीं हुआ. दूसरी तरफ कई घायल हैं. कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली है.

Tags: Allahabad high court, Hapur Violence Case, Prayagraj News, UP news



Source link