हाईकोर्ट :राजरूपपुर बाल गृह में बच्चे के यौन शोषण पर जवाब तलब, चीफ जस्टिस की बेंच कर रही है सुनवाई – Answer Summoned On Sexual Abuse Of Child In Rajrooppur Children’s Home, Chief Justice’s Bench Is H


Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजरूपुर स्थित बाल गृह में अव्यवस्था, बच्चों के यौन शोषण तथा बाल गृह की खराब दशा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका अनुराधा गुप्ता की ओर से दाखिल की गई है, जिस पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जीजी मुनीर की खंडपीठ ने सुनवाई की ।

याची के अधिवक्ता केके राय और प्रबल प्रताप का कहना था कि राजरूपपुर बाल गृह को लेकर गत दिनों मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई, जिससे पता चला कि वहां एक बच्चे का यौन शोषण हो रहा था। साथ ही बालगृह में बच्चों को अमानवीय स्थिति में रखा जाता है। उन्हें शुद्ध भोजन, हवा, पानी से भी महरूम रखा जा रहा है। इतना ही नहीं, बच्चों के साथ मारपीट किए जाने की भी शिकायतें मिलीं है। याचिका में कहा गया है कि इन तमाम मुद्दों को लेकर बाल कल्याण समिति, प्रयागराज ने 17 सितंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट जिला प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजी थी। 

मगर बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिला प्रशासन ने अपनी ओर से एक जांच कमेटी गठित कर दी और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बाल गृह में सब ठीकठाक है। याचिका में कहा गया है कि डीएम द्वारा गठित कमेटी ने यौन शोषण का शिकार उस पीड़ित बच्चे की मां से भी बात करने की जरूरत नहीं समझी और न ही बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर ही कोई ध्यान दिया। 

याचिका में बाल कल्याण की समिति की रिपोर्ट और पीड़ित बच्चे की मां की ओर से की गई लिखित शिकायत की प्रतियां भी दाखिल की गई हैं। याचिका में कहा गया है कि जिलाधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में पूरी तरीके से असफल रहे हैं। यह भी कहा गया है कि बाल कल्याण समिति के एक सदस्य ने 15 सितंबर 2022 को भी बाल गृह का निरीक्षण किया था तथा पाया कि वहां पर बच्चों को सिर्फ  एक बार भोजन दिया जाता है, वह भी बासी।

साथ ही बच्चों के साथ मारपीट करने की भी शिकायतें मिली है। बच्चों को जिस कमरे में रखा जाता है, उसमें हवा आने की कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चे गंदे बिस्तर पर सोते हैं, जिन पर चादर भी नहीं है। याची का कहना है कि इन तमाम रिपोर्टों पर संबंधित अधिकारियों ने न तो ध्यान दिया और न ही कोई कार्रवाई की। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजरूपुर स्थित बाल गृह में अव्यवस्था, बच्चों के यौन शोषण तथा बाल गृह की खराब दशा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका अनुराधा गुप्ता की ओर से दाखिल की गई है, जिस पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जीजी मुनीर की खंडपीठ ने सुनवाई की ।

याची के अधिवक्ता केके राय और प्रबल प्रताप का कहना था कि राजरूपपुर बाल गृह को लेकर गत दिनों मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई, जिससे पता चला कि वहां एक बच्चे का यौन शोषण हो रहा था। साथ ही बालगृह में बच्चों को अमानवीय स्थिति में रखा जाता है। उन्हें शुद्ध भोजन, हवा, पानी से भी महरूम रखा जा रहा है। इतना ही नहीं, बच्चों के साथ मारपीट किए जाने की भी शिकायतें मिलीं है। याचिका में कहा गया है कि इन तमाम मुद्दों को लेकर बाल कल्याण समिति, प्रयागराज ने 17 सितंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट जिला प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजी थी। 



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