हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी :न्यायपालिका के खिलाफ  बिना आधार के आरोप लगाना एक फैशन – It Is A Fashion To Level Baseless Allegations Against The Judiciary -high Court


इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

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हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में न्यायपालिका के खिलाफ  गैर जिम्मेदाराना तथा बिना ठोस आधार के कटु व असम्मानित आरोप लगाने को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में आजकल किसी का किसी संस्था के प्रति सम्मान नहीं रह गया है। यह समाज के लिए गलत व खतरनाक है।

कहा कि न्यायपालिका के खिलाफ  बिना किसी आधार के गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाना एक फैशन होता जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि समाज के हर एक वर्ग द्वारा ऐसे कृत्य को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। न्यायपालिका लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ है। उच्च अदालतें अपने अधीनस्थ अदालतों की सुरक्षा के लिए बाध्य हैं।

यह आदेश जस्टिस बीके बिड़ला तथा जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने रवि कुमार की याचिका पर दिया है। याची ने याचिका दाखिल कर गौतमबुद्ध नगर में तैनात सिविल जज जूनियर डिविजन महिमा जैन तथा उनके पेशकार कुसुम लता दक्ष के खिलाफ  आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी। कोर्ट ने याचिका को निराधार बताते हुए तथा कोर्ट का समय अनावश्यक खराब करने को लेकर याची पर 50000 हर्जाना लगाया है तथा याचिका खारिज कर दी।

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि याची हर्जाने की रकम पांच माह के अंदर रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट के समक्ष जमा करेगा। कोर्ट ने आदेश की प्रति को न्यायिक अधिकारी तथा जिला जज गौतमबुद्ध नगर को भी भेजने का निर्देश दिया है। 

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हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में न्यायपालिका के खिलाफ  गैर जिम्मेदाराना तथा बिना ठोस आधार के कटु व असम्मानित आरोप लगाने को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में आजकल किसी का किसी संस्था के प्रति सम्मान नहीं रह गया है। यह समाज के लिए गलत व खतरनाक है।

कहा कि न्यायपालिका के खिलाफ  बिना किसी आधार के गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाना एक फैशन होता जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि समाज के हर एक वर्ग द्वारा ऐसे कृत्य को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। न्यायपालिका लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ है। उच्च अदालतें अपने अधीनस्थ अदालतों की सुरक्षा के लिए बाध्य हैं।



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