हाईकोर्ट :दवा खरीद घोटाले में पशुधन निरीक्षक और फार्मासिस्ट को नहीं मिली राहत – Live Stock Inspector And Pharmacist Did Not Get Relief In Medicine Purchase Scam


सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

मेरठ कैंटोन्मेंट केंद्रीय सरकारी अस्पताल में 23.50 लाख रुपये की दवा खरीद घोटाले में पशुधन निरीक्षक मोहम्मद अली जफर और फार्मासिस्ट/कंपाउंडर कम स्टोर कीपर सुशील कुमार को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट ने मामले में दाखिल आरोप पत्र और सीबीआई कोर्ट की ओर से जारी समन के आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में की जा रही कार्रवाई को गलत नहीं पाया। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने मोहम्मद अली जफर और सुशील कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

दोनों याचियों का नाम मेरठ कैंट स्थित केंद्रीय अस्पताल में दवाओं की खरीद में हुई गड़बड़ी की जांच में सामने आया था। याची मोहम्मद अली जफर केंद्रीय अस्पताल के अधीक्षक के पद का भी प्रभारी था। उस समय अधीक्षक रहने के दौरान 23 लाख, 46 हजार, 436 रुपये की दवाओं की हुई खरीदारी में गड़बड़ी मिली। मामले में सीबीआई की टीम ने जांच की तो गड़बड़ी सही पाई गई। सीबीआई ने मामले में भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू की।

विवेचना के दौरान दोनों याची का नाम सामने आया। आरोप पत्र का सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद ने संज्ञान लेते हुए समन जारी किया है। सुनवाई के दौरान दोनों याचियों के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि कैंटोन्मेंट बोर्ड एक स्वायत्तशासी निकाय है। इसलिए सीबीआई कार्रवाई नहीं कर सकती है। जबकि, सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार ने तर्क दिया कि दोनों विभाग भारत सरकार के अधीन हैं। इसलिए सीबीआई को कार्रवाई करने का अधिकार है। कोर्ट ने सीबीआई के तर्कों को सही मानते हुए दोनों याचिका को खारिज कर दिया।



Source link