सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
सिद्धार्थनगर में कोरोनारोधी वैक्सीन की कॉकटेल डोज लगवाने वाले 20 लोगों और कोवैक्सीन-कोविशील्ड लगवाने वाले 40-40 लोगों की एंटीबॉडी पर शोध होगा। इसके लिए सभी के नमूने लेकर राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे को भेज दिए गए हैं। एनआईवी पुणे एंटीबॉडी की जांच करेगा।
जानकारी के मुताबिक, मई 2021 में सिद्धार्थनगर जिले में 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई थी। मामले में दोनों डोज लगवा चुके लोगों के नमूने लेकर आरएमआरसी (रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) ने जांच के लिए एनआईवी पुणे को भेजा था। रिपोर्ट में एक, तीन, छह और एक साल पर नमूने लिए गए थे।
इसके बाद जब जांच शुरू हुई तो रिपोर्ट बेहतर आई। किसी पर भी इसका दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला। इसके बाद देश में कई जगह लोगों ने कॉकटेल डोज लगवाई। इन सबके बीच एक बार फिर एनआईवी पुणे ने एक, तीन, छह माह व एक साल पर कॉकटेल डोज लगवा चुके 20 और कोवैक्सीन-कोविशील्ड लगवा चुके 40-40 लोगों के नमूने लेकर शोध का फैसला लिया है। इसके जरिए यह जानने की कोशिश की जाएगी कि एंटीबाडी सामान्य लोगों की अपेक्षा किनमें ज्यादा बनी है और किनमें कम।
आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक पांडेय ने बताया कि कोविशील्ड और कोववैक्सीन की बूस्टर डोज लगवा चुके 40-40 लोगों के साथ सिद्धार्थनगर में कॉकटेल डोज लगवाने वाले 20 लोगों के नमूने लिए गए हैं। ये नमूने जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजे गए हैं। अध्ययन कर पता किया जाएगा कि किसमें एंटीबॉडी ज्यादा बनी है।