Gorakhpur News:गोरखपुर में सत्यम हॉस्पिटल सील, संचालक पर मुकदमा दर्ज – Satyam Hospital Sealed Case Filed Against Operator In Gorakhpur


एएसपी मानुष पारिकर, एसीएमओ डॉ अनिल सिंह टीम के साथ जांच करने पहुंचे।
– फोटो : अमर उजाला।

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गर्भवती की मौत के मामले में प्रशासनिक दबाव के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को पुलिस की मौजूदगी में भटहट-बांसस्थान मार्ग पर स्थित सत्यम हॉस्पिटल को सील कर दिया है। सारे दस्तावेज, सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर जब्त कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। टीम के पहुंचने से पहले ही डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मौके से फरार हो गए। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने संचालक को हिरासत में ले लिया है।

एएसपी मानुष पारिकर, एसीएमओ डॉ. अनिल सिंह टीम के साथ जब सत्यम हॉस्पिटल पहुंचे तो उससे पहले संचालक, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ हॉस्पिटल छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान कोई भी मरीज भर्ती नहीं मिला। हॉस्पिटल के अंदर घुसते ही अधिकारी वहां का नजारा देखकर सन्न रह गए।

जर्जर मकान में दुर्गंध फैल रही थी और आसपास कूड़े का ढेर लगा हुआ था। ऑपरेशन थियेटर का बुरा हाल था। जंग लगे कई उपकरण रखे गए थे। पुलिस के हाथ मरीजों के पंजीकरण का रजिस्टर नहीं लगा। वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग पर भी अब सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर किस आधार पर ऐसे अस्पताल को पंजीकृत किया गया था।

 

सत्यम हॉस्पिटल का विवाद कोई नया नहीं है। इससे पूर्व तीन बार हॉस्पिटल की शिकायत हो चुकी थी, लेकिन हर बार स्वास्थ्य विभाग वसूली के नाम पर उसे मोहलत देते गया। यही वजह है कि विभाग की लापरवाही से एक मरीज की जान चली गई। 18 नवंबर को एडी हेल्थ के निर्देश पर एसीएमओ डॉ. अनिल सिंह ने हॉस्पिटल की जांच की थी। जांच में सब कुछ मानक विहीन मिला था।

उस वक्त तीन मरीज भर्ती होने की वजह से संचालक को एक दिन का समय दिया गया था। लेकिन, उसने अस्पताल बंद नहीं किया और न ही इस विभाग ने दूसरी बार कार्रवाई की जहमत उठाई। इसी क्रम में 13 दिसंबर को डीएम के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने सत्यम हॉस्पिटल की जांच की थी। इस दौरान तीन गर्भवती भर्ती थीं। एक नवजात भी भर्ती मिला था। इसके बाद भी अस्पताल को सील नहीं किया गया था। तीसरी जब गर्भवती की मौत हुई तब जाकर स्वास्थ्य विभाग नींद से जागा और प्रशासन के दबाव में कार्रवाई की।

न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल और पॉपुलर पैथालॉजी सील
एसीएमओ डॉ. अनिल सिंह ने इसी क्रम में तरकुलहा नहर चौराहे पर स्थित न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल की जांच की। यहां पर अपंजीकृत मेडिकल स्टोर भी मिला। अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं मिले। लेकिन, ऑपरेशन थियेटर में खून से सना हुआ ग्लब्स और अन्य मेडिकल बॉयोवेस्ट मिला। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे सील कर दिया। इसी तरह भटहट कस्बे में संचालित पॉपुलर पैथालॉजी को भी अवैध रूप से चलाए जाने पर सील कर दिया गया।

 

गुलरिहा थाना क्षेत्र के जैनपुर के काजीपुर टोला निवासी रामदवन की पत्नी सोनावत की सत्यम हॉस्पिटल में बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मामले में रामदवन ने थाने में तहरीर देकर संचालक और चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। मामले में पुलिस ने संचालक रंजीत निवासी जैनपुर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।  

अस्पताल में न बैठने वाले डॉक्टरों पर दर्ज कराया जाएगा मुकदमा
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि लाइसेंस लेकर अस्पताल में न बैठने वाले डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे अस्पतालों की सूची जल्द से जल्द तैयार कर इसकी रिपोर्ट कार्यालय को सौंपे। बताया जा रहा है कि जिसके नाम से सत्यम अस्पताल का लाइसेंस था, वह अभी बाहर रहकर पढ़ाई कर रहा है।

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गर्भवती की मौत के मामले में प्रशासनिक दबाव के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को पुलिस की मौजूदगी में भटहट-बांसस्थान मार्ग पर स्थित सत्यम हॉस्पिटल को सील कर दिया है। सारे दस्तावेज, सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर जब्त कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। टीम के पहुंचने से पहले ही डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मौके से फरार हो गए। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने संचालक को हिरासत में ले लिया है।

एएसपी मानुष पारिकर, एसीएमओ डॉ. अनिल सिंह टीम के साथ जब सत्यम हॉस्पिटल पहुंचे तो उससे पहले संचालक, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ हॉस्पिटल छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान कोई भी मरीज भर्ती नहीं मिला। हॉस्पिटल के अंदर घुसते ही अधिकारी वहां का नजारा देखकर सन्न रह गए।

जर्जर मकान में दुर्गंध फैल रही थी और आसपास कूड़े का ढेर लगा हुआ था। ऑपरेशन थियेटर का बुरा हाल था। जंग लगे कई उपकरण रखे गए थे। पुलिस के हाथ मरीजों के पंजीकरण का रजिस्टर नहीं लगा। वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग पर भी अब सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर किस आधार पर ऐसे अस्पताल को पंजीकृत किया गया था।

 



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