मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. जी हां! हम बात कर रहे हैं शाहजहांपुर के अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी अजय पाल की, जो अपने हौसलों से गांव की बेटियों को वेटलिफ्टर बना रहे हैं. अपने हुनर का लोहा मनवा चुके अजय पाल स्पोर्ट्स किट के ना मिलने के बावजूद अपनी टूटी हुई किट के सहारे कई लड़कियों को राज्य स्तरीय मेडल दिलवा चुके हैं. मास्को में गोल्ड मेडल पा चुके अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अजय पाल ने ग्रामीण इलाकों की लड़कियों को अपने हुनर को देकर लड़कियों को ओलंपिक तक ले जाने की अपनी दृढ़ इच्छा रखे हुए हैं. वहीं अभाव में सीख रही लड़कियां सरकार से और सुविधाएं देने की मांग कर रही है ताकि वह देश के लिए गोल्ड मेडल ला सके.