गणेश चतुर्थीः कश्मीरी पंडित नहीं करते बप्पा को विसर्जित, ये है मान्यता


हाइलाइट्स

कश्मीरी समाज के पंडित कश्मीरी पंचांग के अनुसार गणेश उत्सव मनाते हैं.
मूर्ति की जगह पर गणेश पूजन सामग्री को विसर्जित किया जाता है.

रिपोर्ट- विशाल झा

गाजियाबाद. हिंदू धर्म अनेक मान्यताओं और परंपरा को समेटे हुए है. उसी में से एक है गणेश चतुर्थी. जिसके तहत भक्त बप्पा को अपने घरों और पंडालों में 10 दिनों के लिए विराजमान करते हैं. विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं. उसके बाद ठीक दसवें दिन गणेश की मूर्ति को विसर्जित कर देते हैं. लेकिन कश्मीरी समाज के पंडितों में भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित नहीं किया जाता बल्कि मंगल कामना के साथ उसे घर में ही रख लिया जाता है. मूर्ति की जगह पर गणेश पूजन सामग्री को विसर्जित किया जाता है. कश्मीरी समाज में इस उत्सव को ‘पन’ के नाम से जाना जाता है.

दरअसल कश्मीरी समाज के पंडित कश्मीरी पंचांग के अनुसार गणेश उत्सव मनाते हैं. गणेश उत्सव के शुरू होने के बाद और खत्म होने से पहले ऐसे कई सारे मुहूर्त कश्मीरी पंचांग में होते हैं, जिस दिन पूजा की जाती है. इस पूजा में गणेश की प्रतिमा के साथ एक खास तरीके से बना प्रसाद ‘रोठ’ भी शामिल किया जाता है.

मूर्ति की जगह करते हैं पुष्प विसर्जित
मूर्ति स्थापना के साथ-साथ कश्मीरी समाज के पंडितों द्वारा एक कलश रखा जाता हैं, जिसमें भगवान गणेश की आराधना करते हुए पुष्प डाले जाते हैं. इन फूलों को फिर पूजा खत्म होने के बाद विसर्जित कर दिया जाता है और गणेश की प्रतिमा को उसके स्थान पर रख दिया जाता है. ‘रोठ’ प्रसाद को अपने दोस्तों रिश्तेदारों में बांट दिया जाता है.

एक दिन मुक्त होना है…
गणेश उत्सव को हिंदू धर्म में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान गणेश की मूर्ति मिट्टी की बनी होती है. जिसे पानी में डालने के बाद वह बेडौल हो जाती है. इसके पीछे का मतलब बताया जाता है कि इस दुनिया में जन्मी हर चीज को एक दिन मुक्त हो जाना है. जीवन के इसी परम सत्य को बताने के लिए हर वर्ष गणपति आते हैं.

जानिए मूर्ति विसर्जन का मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी (9 सितंबर, शुक्रवार) पर गणेश विसर्जन की पूरी अवधि सुबह 6:03 से 10:44 ( 4 घंटा 41 मिनट ) हैं. दोपहर 12:18 से दोपहर 1:52 (1 घंटा 33 मिनट) हैं. शाम 9:26 से रात 10:52 (1 घंटा 26 मिनट) और रात 12:18 से सुबह 4:37 (4 घंटा 19 मिनट तक ) मंगल मुहूर्त है.

भगवान गणेश का शक्तिशाली मंत्र
ओम वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभ,
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा||

Tags: Ganesh Chaturthi, Ghaziabad News



Source link