गाजियाबाद में 200 करोड़ के जमीन घोटाले में आईजी समेत 7 को नहीं मिली हाईकोर्ट से राहत, यूपी सरकार से मांगा जवाब


हाइलाइट्स

गाज़ियाबाद में 9 साल पहले सेवा सुरक्षा सहकारी आवास समिति के नाम से बनी सोसाइटी ने 196 प्लॉट आवंटित किए.
अकबरपुर बहरामपुर इलाके के पास 196 सदस्यों को प्लाॅट आवंटित कर साल 2006 में ही कब्ज़ा दे दिया.
साल 2012 में सीमा सुरक्षा बल के तत्कालीन आईजी एससी कटोच इस समिति के अध्यक्ष थे.

गाजियाबाद. गाज़ियाबाद में बिल्डर से सांठगांठ कर करोड़ों की ज़मीन के फर्जीवाड़े के आरोपी सीमा सुरक्षा बल के पूर्व आईजी एससी कटोच को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिल सकी है. हाईकोर्ट ने पूर्व आईजी समेत घोटाले के 7 अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द किये जाने के मामले में फिलहाल कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है. मामले की सुनवाई कर रही हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में गाजियाबाद पुलिस और यूपी सरकार से जवाब तलब कर लिया है.

अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते की मोहलत देते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 3 अगस्त तय की है. मामले में राहत पाने के लिए आरोपी बिल्डर ने अलग से अर्जी दाखिल की हुई है.

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सहकारी आवास समिति बनाकर आवंटित किये 196 प्लॉट
यह मामला गाज़ियाबाद के विजय नगर थाने से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि सेवा सुरक्षा सहकारी आवास समिति के नाम से बनी सोसाइटी ने अकबरपुर बहरामपुर इलाके के पास 196 सदस्यों को प्लाॅट आवंटित कर साल 2006 में ही कब्ज़ा दे दिया. साल 2012 में सीमा सुरक्षा बल के तत्कालीन आईजी एससी कटोच इस समिति के अध्यक्ष थे. एससी कटोच की अध्यक्षता वाली समिति ने साल 2012 में इन 196 सदस्यों से प्लाट लेकर उन्हें फ़्लैट देने का ऑफर दिया. इसके लिए समिति से जुड़े इन सभी सदस्यों से सहमति ली गई. उन्हें कहा गया कि सदस्यों को एक मई 2016 तक तैयार फ़्लैट दे दिए जाएंगे.

फ़्लैट का कब्ज़ा देने में देरी होने पर हर महीने 8 हज़ार रुपये किराया देने की भी बात कही गई. तय समय पर फ़्लैट न बनने पर समिति के सदस्यों ने पता किया तो जानकारी मिली कि पूर्व आईजी व दूसरे पदाधिकारियों ने मनमाने तरीके से किसी दूसरे बिल्डर से एग्रीमेंट कर लिया था.

आरोप है कि 200 करोड़ का फर्जीवाड़ा
बिल्डर और समिति के सदस्यों ने काफी ज़मीन बेचकर दो सौ करोड़ रुपये के करीब का फर्जीवाड़ा किया. नौ साल बीतने के बाद भी जब न तो फ़्लैट मिला और न ही किराया तो आरएस चौहान नाम के सदस्य ने इसी साल 26 अप्रैल 2022 को गाज़ियाबाद के विजय नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इसमें पूर्व आईजी एससी कटोच समेत सात पदाधिकारियों और बिल्डर के खिलाफ आईपीसी की छह गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ. इसी मामले में आरोपी पूर्व आईजी व अन्य आरोपियों ने एफआईआर रद्द किये जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

इस याचिका पर आज जस्टिस एमसी त्रिपाठी और जस्टिस उमेश कुमार शर्मा की डिवीजन बेंच में हुई. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई कि यह सिविल नेचर का मामला है और इसमें क्रिमिनल केस दर्ज नहीं हो सकता है. मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी.

Tags: Allahabad high court, Ghaziabad News



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