Diwali 2022: पटाखों के धुएं से पर्यावरण ही नहीं स्वास्थ्य को भी पहुंचता है नुकसान, हो सकती हैं ये समस्याएं


हाइलाइट्स

पटाखे से निकलने वाला धुआं हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है.
धुएं से अस्‍थमा की समस्‍या बढ़ सकती है.
वायु प्रदूषण से प्रेग्‍नेंट महिला को गर्भपात का खतरा हो सकता है.

Firecrackers Harms on Health:  दिवाली के नजदीक आते ही दिल्‍ली और उसके आसपास के शहर धुएं की चादर ओढ़ लेते हैं. हर साल इस वक्‍त दिल्‍ली में प्रदूषण का स्‍तर बेहद खराब हो जाता है. पटाखों और धुएं से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. कई रिपोर्ट्स में भी ये बात सामने आई है कि पटाखों से निकलने वाले धुएं में ऐसे केमिकल होते हैं, जो सीधा लंग्‍स पर असर डालते हैं. देखा गया है कि दिवाली के बाद खांसी और अस्‍थमा की समस्‍या काफी हद तक बढ़ जाती है. बढ़ती हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स के चलते हर साल पटाखे न चलाने की घोषणा की जाती है, लेकिन फिर भी बाजारों में चोरी-छुपे पटाखों की बिक्री होती है, जो कई लोगों की मौत का कारण बन जाती है. पटाखे के धुएं से बड़े ही नहीं बच्‍चे भी शिकार हो रहे हैं. चलिए जानते हैं पटाखों से निकलने वाला धुआं किस प्रकार सेहत पर प्रभाव डालता है.

बढ़ता है कैंसर का जोखिम
पटाखों से निकलने वाला धुआं सिर्फ लंग्‍स पर ही प्रभाव नहीं डालता, इससे कैंसर होने का जोखिम भी कई गुना बढ़ जाता है. साइंसडेली डॉट कॉम के अनुसार, पटाखों से निकलने वाले रंग-बिरंगी किरणें जिसे बनाने के लिए केमिकल और रेडियोएक्टिव कंपाउंड का प्रयोग किया जाता है. ये कलरफुल केमिकल्‍स कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं.

बढ़ सकता है गर्भपात का खतरा
पटाखों से निकलने वाला धुआं गर्भवती महिलाओं और उसके होने वाले बच्‍चों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है. धुएं से निकलने वाले केमिकल्‍स सांस संबंधी समस्‍या पैदा कर सकते हैं. कई मामलों में देखा गया है कि अधिक केमिकल की वजह से बच्‍चे अपंग भी हो जाते हैं. जो महिलाएं धुएं के संपर्क में अधिक आती हैं, उनका गर्भपात होने का खतरा भी बढ़ सकता है.

ट्रिगर कर सकता है अस्‍थमा
दिवाली के बाद हवा में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है. धूल के कणों में जिंक, सोडियम, लेड, सल्‍फर ऑक्‍साइड और नाइट्रोजन होते हैं. ये गैस सांस नली में जाकर सूजन को बढ़ा सकती है, जिस वजह से अस्‍थमा ट्रिगर कर सकता है. कैडमियम खून की ऑक्‍सीजन ले जाने की क्षमता को कम कर सकता है. इससे पीड़ित व्‍यक्ति एनीमिया का शिकार हो सकता है.

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बुजुर्गों को हार्ट अटैक का खतरा
दिल के मरीजों को पटाखे के धुएं से बचकर रहना चाहिए. पटाखे से निकलने वाला धुआं उनके फेफड़ों पर असर डाल सकता है. इसके अलावा पटाखे की तेज आवाज दिल पर असर डाल सकती है. छोटे बच्‍चे और जानवर भी पटाखे की तेज आवाज से डर जाते हैं और उनकी हार्टबीट तेज हो सकती है.

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