Data Story: बारिश कम हुई तो घट गया 15 राज्यों में 22 लाख हेक्टेयर धान का रकबा, 12 में बढ़ी बुवाई


नई दिल्ली. दक्षिण-पश्चिमी मानसून की बेरुखी घातक साबित होने वाली है. इसका असर मौसम के उतार-चढ़ाव में दिखने लगा है. देश के कई राज्य बाढ़ से घिरे हैं. वहीं कई जगह सूखे की धमक सुनाई देने लगी है. इन सबके बीच देश का खरीफ सीजन का कृषि-चक्र प्रभावित हुआ है. खरीफ फसलों की बुवाई कम होना, चिंता की बात है. भारत सरकार भी चिंतित है. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़े इसके प्रमाण हैं. बीते सप्ताह मंत्रालय ने इस बाबत आंकड़ा जारी किया. इसके मुताबिक 15 राज्यों में कम बारिश ने धान का रकबा घटा दिया है. वहीं, 12 राज्य ऐसे भी हैं, जहां बुवाई ठीक-ठाक हुई है. चालू खरीफ सीजन में अब तक धान की फसल का रकबा 5.62 प्रतिशत घट गया है. सरल भाषा में कहें तो इस साल देश में धान की खेती कम हुई है. पिछले साल के मुकाबले लगभग 21 लाख हेक्टेयर में कम बारिश के कारण धान नहीं बोया जा सका है.

कृषि मंत्रालय के अनुसार इस साल खरीफ सीजन में धान का रकबा 383.99 लाख हेक्टेयर रहा है. एक साल पहले इसी अवधि में धान की बुवाई 406.89 लाख हेक्टेयर में की गई थी. आपको बता दें कि धान मुख्य खरीफ फसल है. इसकी बुवाई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होती है. देश के कई राज्यों में धान का रकबा कम हुआ है. आधा दर्जन राज्यों में ज्यादा तो कई अन्य में मामूली कमी आई है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक बिहार-झारखंड, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कम बारिश की वजह से ऐसा हुआ है. बिहार में 2.18 लाख हेक्टेयर तो झारखंड में 9.80 लाख हेक्टेयर का रकबा कम हुआ. एमपी में यह 6.32 लाख हेक्टेयर है तो छत्तीसगढ़ में 3.91 लाख. आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य यूपी में 2.61 लाख हेक्टेयर रकबा घटा है. वहीं पश्चिम बंगाल में 4.45 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है. कृषि मंत्रालय ने कई अन्य राज्यों में भी धान का रकबा घटने का जिक्र किया है. इस खरीफ सत्र में धान, दलहन और तिलहनी फसलों के साथ-साथ नगदी फसलों के डेटा पर डालते हैं एक नजर.

इन राज्यों में रकबा घटने से चिंता बढ़ी.

ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम, त्रिपुरा, पंजाब, मिजोरम, सिक्किम, मेघालय और जम्मू व कश्मीर में धान की बुवाई में कमी आई है. पिछले साल इन राज्यों में जहां 135.46 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी, इस साल वह घटकर 129.55 लाख हेक्टेयर रह गई है.

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9 राज्यों में भी कम हो पाई धान की बुवाई.

देश के 15 राज्यों में इस खरीफ सीजन में जहां धान का रकबा कम हुआ है, वहीं 12 राज्य ऐसे भी हैं, जहां बुवाई अच्छी हुई है. तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में धान की अच्छी फसल होने की संभावना है.

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दर्जनभर राज्यों में मामूली ही सही, धान के रकबे में वृद्धि दर्ज की गई है.

दलहन फसलों में भी गिरावट
इस साल अब तक 129.55 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हुई है. एक साल पहले यह 135.46 लाख हेक्टेयर थी. अरहर का रकबा 47.56 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 44.86 लाख हेक्टेयर रहा है. उड़द का रकबा पिछले साल 38.18 लाख हेक्टेयर था, जो इस सीजन में 36.62 लाख हेक्टेयर रहा है. इसके अलावा तिलहन फसलों पर गौर करें तो इसमें मामूली गिरावट हुई है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस खरीफ सीजन में 2 सितंबर तक रकबा 188.51 लाख हेक्टेयर रहा है. जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 189.66 लाख हेक्टेयर था.

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दलहन फसलों का रकबा भी घटा है.

दलहनी फसलों के रकबे में कमी पर गौर करें तो इस खरीफ सीजन में अब तक 14 राज्यों में कम बारिश का असर पड़ा है. इनमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्य शामिल हैं.

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दलहन फसलों की रिपोर्ट पर एक नजर.

नगदी फसलों की पैदावार बढ़ी
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नकदी फसलों में, कपास का रकबा 125.69 लाख हेक्टेयर रहा. वहीं गन्ने का रकबा एक साल पहले की अवधि की तुलना में 55.65 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक था. आंकड़ों से पता चलता है कि चालू खरीफ सीजन में अब तक जूट/मेस्टा का रकबा 6.95 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया.

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नगदी फसलों के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. (PTI इनपुट के साथ/सभी आंकड़े कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट पर आधारित)

Tags: Agriculture, Monsoon, Paddy crop, Rains



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