अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. महामना की बगिया कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू में इन दिनों छात्र सड़कों पर हैं. विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के विरोध में पिछले 52 घण्टों से छात्रों का ये आंदोलन जारी है. छात्रों ने ऐलान कर रखा है कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन फीस वृद्धि के फैसले को वापस नहीं ले लेता तब तक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा. विश्वविद्यालय में अलग-अलग जगहों पर छात्र फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं.
छात्रों का एक गुट कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठा है तो दूसरा गुट विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट्स ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन धरना दे रहा है. इन आंदोलन से इतर भी दूसरे संगठन के छात्र कभी सिग्नेचर कैम्पेन तो कभी केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं.
नहीं हुई फीस वृद्धि
छात्रों के इस आंदोलन के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी कर फीस वृद्धि को लेकर सफाई दी है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी रिलीज के मुताबिक, पिछले दो साल में विश्वविद्यालय में किसी भी तरह की कोई फीस वृद्धि नहीं हुई. विद्वत परिषद और कार्यकारिणी परिषद के फैसले के बाद नए सत्र से प्रवेश लेने वाले छात्रों की फीस में आंशिक बढ़ोतरी ही हुई है.
गुमराह कर रहा विश्वविद्यालय प्रशासन
हालांकि इस मामले में आंदोलन कर रहे छात्र रवि पटेल ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अचानक से हॉस्टल फीस के अलावा दूसरे कई कोर्स में 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी की है जिसके खिलाफ वो लोग आंदोलन कर रहे हैं.
वहीं, वीसी आवास के सामने धरने पर बैठे छात्र कुलदीप तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय एक तरफ फीस में बढ़ोतरी कर रहा है और दूसरे तरफ रिलीज जारी कर छात्रों को गुमराह करने का प्रयास भी किया जा रहा है जो पूरी तरह से गलत है. हम छात्रों की मांग है कि तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय प्रशासन बढ़ी हुई फीस को वापस ले.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2022, 17:28 IST