Lucknow Building Collapse
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बदनाम बिल्डर याजदान ने एक बार फिर लखनऊ के लोगों को दर्द दिया। अब तो याजदान बिल्डर के मायने ही अवैध निर्माण हो चला है। ऐसा कहना अतिशयोक्ति भी नहीं होगा। असुरक्षित तरीकेसे बिल्डिंग बना फ्लैट बेच देने के अलावा सरकारी जमीनों पर कब्जे और अवैध निर्माण कर अपार्टमेंट खड़ा कर देने के लिए याजदान बिल्डर शहर में बदनाम रहा है। हाल ही जहां प्राग नरायन रोड पर एलडीए ने बिल्डर की एक अपार्टमेंट इसीलिए तोड़ी। वहीं, महानगर विस्तार में भी स्वीकृत नक्शे से अलग सात मंजिला इमारत बिल्डर ने खड़ी कर दी।
याजदान ने अगर ईमानदारी से काम किया होता तो अलाया अपार्टमेंट में लोग मलबे में नहीं दबते। अलाया में लोग खोदाई और ड्रिलिंग की वजह लोग पूछते रहे, सबको अलग-अलग कारण बताया जाता रहा। झगड़ा भी हुआ पर बिल्डर नहीं माना। साफ है कि उसकी मंशा वहां कुछ और करने की थी और बीच में हादसा हो गया।
कुसूर सिर्फ याजदान का ही नहीं, सिस्टम का भी है
कुसूर सिर्फ याजदान का ही नहीं, सिस्टम का भी है। बिल्डर के अवैध निर्माण के लिए एलडीए के इंजीनियरों और अधिकारियों के अलावा पुलिस, अग्निशमन विभाग की भी सांठगांठ रही। यही वजह रही कि एक दशक में बिल्डर न केवल एक के बाद एक आवासीय इमारतें बनाता गया, अपनी सियासी पैठ भी मजबूत कर ली।
यही वजह रही कि अवैध निर्माण कर की कमाई से 2017 में विधानसभा चुनाव भी बसपा की टिकट से लड़ लिया।
बिल्डर फहद याजदानी को हालांकि इस चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। सपा के बड़े नेता शाहिद मंजूर से भी उसके नजदीकी संबंध बताए जा रहे हैं। यह भी चर्चा है कि सबसे ऊ परी मंजिल पर बने पेंट हाउस को शाहिद मंजूर ने ही खरीदा था। इसे बाद में उन्होंने बेच दिया।