Bareilly में क्या जानलेवा हो गई ठंड? श्मशान भूमि में क्यों कम पड़ी दाह संस्कार के लिए जगह?


रिपोर्ट – अंश कुमार माथुर

बरेली. दिसंबर के शुरुआती दिनों में ही तापमान में गिरावट होने के बाद गलन बढ़ना शुरू हो गई है. सबसे ज्यादा दिक्कत हार्ट पेशेंट को हो रही है और आकस्मिक मौतों का आंकड़ा भी बढ़ाने लगा है. बरेली की सिटी श्मशान भूमि में पिछले 3 दिनों में लगातार 15 से अधिक शव दाह संस्कार के लिए पहुंचे तो शवों के अंतिम संस्कार लिए बने चबूतरे कम पड़ गए. नौबत यहां तक आ गई कि दो चबूतरो के बीच में लकड़ी रखकर चिता बनानी पड़ी. तब कहीं जाकर शवों का अंतिम संस्कार किया जा सका.

सिटी श्मशान भूमि के कर्मचारी विकास जयसवाल ने बताया कि वह पिछले नौ साल से श्मशान भूमि में कार्य कर रहे हैं. कोरोना काल के बाद एक बार फिर ऐसा हो रहा है कि पिछले दो से तीन दिनों में शवों के अंतिम संस्कार के लिए 15 से 20 शव पहुंच रहे हैं. बरेली की सिटी श्मशान भूमि में 34 चबूतरे दाह संस्कार के लिए बने हैं. 8 पर अभी लिंटर का निर्माण कार्य चल रहा है. साथ ही, एक इलेक्ट्रिक दाह संस्कार गृह और एक गैसयुक्त दाह संस्कार गृह भी है, जो वर्तमान में संचालित नहीं है. अभी 26 चबूतरों पर ही दाह संस्कार किया जा रहा है.

दिल के मरीज़ों पर मौसम की मार!

तापमान में गिरावट के बाद मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. सबसे ज्यादा मौतों का कारण हार्ट अटैक को बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक शहर में पिछले दो से तीन दिनों के दौरान जो शव सिटी शमशान भूमि में पहुंचे, उनमें से आधे से ज्यादा की मौत के पीछे कारण हार्ट अटैक ही बताया गया. जानकार बताते हैं कि सर्दी में सांस और दिल के मरीज़ों को खासी मुश्किल होती है इसलिए उन्हें इस मौसम में विशेष तौर पर सतर्क रहना चाहिए.

Tags: Bareilly news, Last Rites



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