उड़ीसा के नाबालिग मजदूरों से कराया जा रहा था काम, PDDU जंक्शन पर रेस्क्यू
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वाराणसी के लोहता क्षेत्र में स्थित एक कंक्रीट स्लीपर निर्माण कंपनी में उड़ीसा से बुलाकर नाबालिग मजदूरों से काम कराया जा रहा है। सोमवार को बच्चों के भाग कर पीडीडीयू जंक्शन पर पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ। पीडीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ, बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने बच्चों को बरामद कर इसकी जानकारी वाराणसी पुलिस को दी है। इसके आधार पर वाराणसी पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है। वहीं नाबालिग बच्चों को बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के सुपुर्द किया गया है।
रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक संजीव कुमार दल बल के साथ सोमवार की सुबह स्टेशन पर गश्त कर रहे थे। इसी बीच रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर 21 मजदूर सहमे हाल में दिखे। बच्चों से पूछने पर पता चला कि वे एक वर्ष से वाराणसी के लोहता स्थित कंक्रीट स्लीपर निर्माण कंपनी में काम कर रहे हैं। उनका सुपरवाइजर ने कई महीने से पैसे भी नहीं दिए हैं। घर जाने की बात पर वह धमका रहा है। ऐसे में मौका पाकर वे वहां से भाग निकले हैं। नाबालिगों ने बताया कि वे सभी ओड़िसा रायगढ़ के रहने वाले हैं। निरीक्षक संजीव कुमार ने बच्चों को अपने कब्जे में लेकर इसकी सूचना वरीय मंडल सुरक्षा अधिकारी जेथिन बी राज को दी। इसके साथ ही बचपन बचाओ आंदोलन को सूचित किया। सीनियर कमांडेंट के निर्देश के बाद आरपीएफ और बचपन बचाओ आंदोलन के को आर्डिनेटर देश राज सिंह, कृष्णराज शर्मा ने वाराणसी के श्रम विभाग के साथ कंक्रीट फैक्टरी में पहुंच कर सत्यापन किया। बरामद बच्चों में 11 नाबालिग और दस बालिग मिले। सभी को आगे की कार्रवई के लिए बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के हवाले कर दिया गया।