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विलाप करते परिजन
– फोटो : अमर उजाला
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अशोका फोम फैक्टरी परिसर में रेस्क्यू ऑपरेशन दूसरे दिन भी जारी रहा। चार लोगों की मौत के बाद भी हादसे की तस्वीर साफ नहीं हो सकी। इसमें दो से तीन दिन और लग सकते हैं। बुधवार शाम धमाके के साथ फोम फैक्टरी के एक प्लांट की लोहे की छत ताश के पत्तों की तरह बिखर गई थी।
घटना के बाद गैस कटर से लोहे की भारी-भरकम चादर को काटकर चार शव निकाले गए। जैसे ही शव मिलते, परिवार की महिलाओं की चीत्कार गूंज उठती थी। जितने दायरे में शव निकाले गए, उसके मुकाबले अभी दस गुना से ज्यादा जगह की लोहे की छत हटनी शेष है।
बृहस्पतिवार सुबह तहसीलदार दिव्यांशी सिंह की मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। कटर से चादर काटने में ज्यादा वक्त लगता देखकर अब क्रेन से उनको हटाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक हादसे के वक्त फैक्टरी में 21 नियमित कर्मचारी और 43 दैनिक वेतनभोगी मजदूर थे।
हालांकि दूसरे दिन किसी नए शख्स के लापता होने का दावा नहीं किया गया है, इस लिहाज से लग रहा है कि शायद चादर के नीचे और शव न हों पर दो से तीन दिन बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की बात कही जा रही है।
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