Allahabad High Court: एचजेएस परीक्षा 2020 में EWS के अभ्यर्थियों को 10% आरक्षण देने की मांग खारिज


प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (यूपीएचजेएस) परीक्षा, 2020 में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति डॉ केजे ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की पीठ ने याचिका यह कहकर खारिज कर दी कि विज्ञापन जारी होने के बाद अधिकारियों के लिए इसमें नया उपबंध डालना उचित नहीं होगा.

इससे पूर्व नोटिस जारी किए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने हलफनामा दायर कर दलील दी थी कि अधिसूचना जारी करते समय हाईकोर्ट ने 2020 के अधिनियम 10 के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण को नहीं अपनाया था.

मेरठ के वकील ने डाली थी याचिका
मेरठ के वकील याचिकाकर्ता संदीप ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के वास्ते हाईकोर्ट प्रशासन को संशोधित अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था.

अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘एक बार विज्ञापन निकल जाने पर अधिकारियों के लिए कोई नया उपबंध डालना उचित नहीं होगा. हाईकोर्ट ने भी व्यवस्था दी है कि विज्ञापन में किसी शर्त में परिवर्तन संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन होगा. इसलिए हम हाईकोर्ट प्रशासन को इस साल की परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ उपलब्ध कराने का निर्देश नहीं दे सकते.’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, याची ने 18 फरवरी 2021 को इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था. इसके साथ प्रत्यावेदन देकर बतौर आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के रूप में लाभ लेने की मांग की थी. वहीं, जब हाईकोर्ट ने उसके प्रत्यावेदन पर कोई विचार नहीं किया तो उसने याचिका दायर करते हुए कमजोर आय वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देते हुए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग की थी.

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