अलीगढ़ के गणेश पूजा विवाद पर भड़के अयोध्या के संत, बोले- भारत में संविधान चलता है, फतवा नहीं


हाइलाइट्स

जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि एक ही धर्म है सनातन धर्म.
मुस्लिम महिला गणपति का पूजन अर्चन कर रही है तो वह उसकी स्वेच्छा है.

अयोध्या. उत्तर प्रदेश में इन दिनों गणेशोत्सव की धूम नजर आ रही है. ऐसे में बप्पा में आस्था रखने वाली एक मुस्लिम महिला ने जब अपने घर पर गणपति बैठाए तो हंगामा खड़ा हो गया. बता यहां तक पहुंच गई कि मुस्लिम धर्म गुरू ने महिला के खिलाफ फतवा जारी कर दिया. इस बात से अब अयोध्या के संत भड़क गए हैं और उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षा देने की बात कही है.

दरअसल, अलीगढ़ में मुस्लिम महिला रूबी आसिफ खान ने अपने घर में गणपति बैठाए थे. बप्पा की पूजा पाठ करने पर मुस्लिम धर्म गुरू नाराज हो गए. मुस्लिम मौलाना की ओर से महिला के खिलफा फतवा जारी कर दिया गया. यह बात जब आयोध्या के संतों तक पहुंची तो वे भड़क गए. संतो ने मुस्लिम महिला का समर्थन किया है और महिलाओं को सुरक्षा देने की मांग की है.

भारत में सभी आजाद हैं
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने इस मामले में कहा कि भारत संविधान से चलता है. यह धर्मावलंबियों का देश है. भारत में कोई भी अपनी आजादी से पूजा पद्धति अपना सकता है. यदि मुस्लिम महिला ने गणेश जी की पूजा अर्चना की है तो वह उसका अधिकार है. जगतगुरु परमहंस आचार्य ने सरकार से मुस्लिम महिला को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.

महिला के अंदर धार्मिक भावना
दूसरी तरफ रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उस मुस्लिम महिला के अंदर धार्मिक भावना है. उसको पता है हिंदू धर्म में जो देवी- देवताओं की पूजा की जाती है उससे सभी कष्ट दूर होता है और शांति प्रदान होती है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा की कई मुस्लिम लोग कहते हैं कि हिंदू हमारे पूर्वज हैं आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उस महिला ने भगवान गणेश को अपने घर में स्थापित किया तो उसके लिए फतवा जारी करना बहुत गलत है. वास्तविकता यह है यदि वह हिंदू- देवी देवताओं की पूजा करती है उसकी आस्था है तो उसका सम्मान करना चाहिए.

भारत में संविधान चलता है
जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि एक ही धर्म है सनातन धर्म बाकी मजहब और पंत है. सभी सनातन धर्मावलंबी ही है. भारत में फतवा नहीं संविधान चलता है. यहां जितने पुरुषों को अधिकार हैं उतने महिलाओं को भी अधिकार हैं. भारत में कोई भी अपनी आजादी से अपनी पूजा पद्धति अपना सकता है. यदि किसी तरीके की कोई भी मुस्लिम महिला गणपति का पूजन अर्चन कर रही है तो वह उसकी स्वेच्छा है.

परमहंसाचार्य ने कहा कि महिला की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए और यदि कोई फतवा जारी करता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जानी चाहिए. जगतगुरु ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस्लाम में महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. पहले हलाला के नाम पर महिलाओं का शोषण होता है. उसके बाद मजहब का नियम बताया जाता है. यह गलत है महिलाओं के रक्षा के लिए प्रधानमंत्री से गुहार हैं किसी भी धर्म पंथ और मजहब से कोई भी महिला हो वह स्वेच्छा से अपना जीवन जी सकें और स्वेच्छा से अपना पूजा पद्धति अपना सकें.

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