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दिल्ली में तीन दिनों के भीतर कुत्तों ने दो मासूम भाइयों पर हमला कर उन्हें मार डाला। हाथरस में भी कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। पिछले एक महीने में कुत्तों ने 1400 लोगों को शिकार बनाकर घायल कर दिया। जिला अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले एक महीने में एआरवी की फर्स्ट डोज लगवाने के लिए 1400 मरीज अस्पताल आए। सोमवार को भी एआरवी कक्ष में मरीजों की भीड़ लगी रही।
सोमवार को एक दिन में करीब 90 मरीजों ने कुत्ता काटने की वैक्सीन लगवाई। हाथरस में शहर से लेकर देहात तक बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते गली-मोहल्लों में घूमते रहते हैं। यह कुत्ते आए दिन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। कुत्ता काटने पर रैबीज का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक कुत्ता गर्दन और चेहरे के जितने करीब काटता है, उतना ही ज्यादा रेबीज का खतरा अधिक होता है। शरीर के निचले हिस्से पर कुत्ता काटने पर अपेक्षाकृत खतरा कम रहता है। चिकित्सक डॉ. वरुण चौधरी का कहना है कि कुत्ता काटने पर एआरवी जरूर लगवानी चाहिए।
मौसम में बदलाव से बदल रहा कुत्तों का व्यवहार
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव होने से कुत्तों में तनाव की स्थित पैदा हो जाती है। इससे कुत्तों का व्यवहार हिंसक हो रहा है। बदलते मौसम अक्सर कुत्ते हिंसक हो जाते हैं। वहीं, समाज के लोगों के व्यवहार से भी कुत्तों के व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है। लोग आवारा कुत्तों से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। इससे भी कुत्तों के व्यवहार पर प्रभाव पड़ रहा है।
कुत्ता काटे तो क्या करें
कुत्ता काटने पर घाव को साबुन और पानी से साफ करें। घाव पर एंटीबायोटिक क्रीम लगा लें। पीड़ित को चिकित्सक के पास लेकर जाएं। एंटी रेबीज वैक्सीन जरूर लगवाएं। देसी दवाओं के चक्कर में न पड़ें।