उत्तराखंड आपदा को लेकर यूपी सरकार अलर्ट. (फाइल फोटो)
उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने (Glacier Burst in Uttrakhand) से गंगा नदी में पानी का स्तर बढ़ने की आशंका के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने राज्य के कई जिलों के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
February 7, 2021, 11:39 PM IST
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ट्वीट किया, ‘देवभूमि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई आपदा में अनेक नागरिकों के कालकवलित होने की सूचना से मन दुखी है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति, शोकसंतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें.’
गंगा नदी के किनारे बसे जिलों को अलर्ट
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित जिलों के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को लगातार निगरानी के निर्देश दिये गये हैं. परिस्थितियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य आपदा मोचक बल को भी अलर्ट कर दिया गया है. आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित जिलों में जल स्तर की निरंतर निगरानी की जा रही है. जल स्तर बढ़ने की दशा में आवश्यकता पड़ने पर नदी किनारे बसे लोगों को वहां से अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा. राहत और बचाव के लिए निर्देश दिये जा चुके हैं.उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने को लेकर कानपुर और वाराणसी में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसी वजह से गंगा नदी के किनारे बसे गांव में अधिकारी लगातार अलर्ट मोड पर हैं. वहीं, शाहजहांपुर में गंगा नदी के किनारे कल्पवास कर रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है और गंगा के किनारे बसे ग्रामीणों को भी प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. जिलाधिकारी इंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले के मिर्जापुर थाना क्षेत्र में गंगा के ढाई घाट पर माघ माह में गंगा नदी के किनारे कल्पवास कर रहे और गंगा नदी के दोआब क्षेत्र में झोपड़ी डालकर रह रहे लगभग 100 कल्पवासियों को सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.
बलिया से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, जिला प्रशासन ने गंगा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने को कहा है. जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद बाढ़ विभाग के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है. गंगा किनारे बसे लोगों को भी सतर्क करने के लिए कहा गया है. जबकि सिंचाई विभाग के बाढ़ खण्ड के सहायक अभियंता कमलेश कुमार ने बताया कि विभाग पूरी तरह सतर्क है. गंगा नदी के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है. बलिया जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से तकरीबन पांच मीटर नीचे बह रही है.
इसके अलावा कन्नौज से मिली खबर के अनुसार, जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने रविवार होने के बावजूद सभी अधिकारियों को तलब किया और आपात बैठक बुलाई तथा गंगा तट के किनारे बसने वाले सभी गांवों में आपात स्थिति से निपटने के निर्देश दिए. बैठक में गोताखोरों को सतर्क किया गया है. लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव को भी गंगा किनारे बसे गांवों में जाकर सभी को सतर्क रहने को कहा गया है. जिलाधिकारी ने भी महादेवी घाट पहुंच कर निरीक्षण किया और बैठक में गंगा किनारे बसे गांवों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अफसरों को सौंपी. जबकि पानी बढ़ने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा तथा ग्रामीणों के रहने व खाने की उचित व्यवस्था की जाएगी.
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद प्रतापगढ़ में भी अलर्ट पर है. एएसपी दिनेश द्विवेदी ने इलाके का दौरा कर ग्रामीणों को गंगा तट से दूर रहने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि यहां गंगा कुंडा इलाके से होकर गुजरती है. उत्तर प्रदेश के अंदर गंगा का बड़ा हिस्सा है और यही 25 जिलों से होकर करीब 1000 किलोमीटर दूरी तय करती है.