आजादी का अमृत महोत्सव: ‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने कैसे डाली गरीबों में जान, पढ़ें यह खास रिपोर्ट


रिपोर्ट: विशाल भटनागर

मेरठ: आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को लेकर शासन-प्रशासन काफी सजग दिखाई दिया. मेरठ की बात की जाए तो सभी घरों में तिरंगा शान से फहरे, इसके लिए प्रशासन द्वारा विशेष पहल की गई. लेकिन खास बात ये है कि जिले में ज्यादातर लोग तिरंगा लेने के लिए क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम ही पहुंचे. आखिर ऐसा क्यों है, तो चलिए बताते हैं.

दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि देश का पहला राष्ट्रध्वज जो 16 अगस्त 1947 को फराया गया था. वह यहीं क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम में ही तैयार किया था, वो भी रातोंरात. तब से यह सिलसिला अनवरत जारी है. पीढ़ियां बदलती गईं लेकिन क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम ने ना अपनी पहचान बदला और ना ही अपना काम.

चरखे से बनाई जाती है खादी
यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आज भी यहां खादी को बनाने के लिए चरखे का ही उपयोग किया जाता है. यही कारण है कि यहां से बने तिरंगे की कीमत और क्वालिटी काफी अलग होती है. यहां बने एक झंडे के कीमत की बात करें तो ₹175 से शुरू होकर हजारों तक होती है.

पहली बार देखा लोगों में ऐसा उत्साह
क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम के मैनेजर संजीव कुमार ने News 18 local से खास बातचीत करते हुए बताया कि हमें उम्मीद नहीं थी कि इस प्रकार से लोगों मे राष्ट्रीय ध्वज खरीदने का उत्साह देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि पिछले साल तक 15 अगस्त के दिन तक 2 हजार राष्ट्रध्वज क्षेत्रीय गांधी आश्रम से खरीदे जाते थे. लेकिन इस साल अब तक यानी 13 अगस्त तक ही संख्या 10 हजार को पार हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि अन्य संस्थाओं के माध्यम से खादी के राष्ट्रीय ध्वज बनवाना पड़ा.

हर घर तिरंगा अभियान ने डाली जान
अक्सर खादी के प्रति लोगों का रुझान देखने को नहीं मिलता. लेकिन राष्ट्रध्वज खरीदने के लिए लोग क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम पहुंचते दिखे. इससे जहां एक तरफ गांधी आश्रम में राजस्व में वृद्धि हो रही है. वहीं इससे जुड़े उन लोगों को भी काफी फायदा हो रहा है, जिनकी आजीविका गांधी आश्रम पर ही निर्भर करती है.

सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक यहां विजिट कर सकते हैं.

Kshetriya Shree Gandhi Ashram0121 264 3585https://maps.app.goo.gl/yxcmymdBWaAR2Uw98

Tags: Meerut news, Uttar pradesh news



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