आगरा में कटोरा लेकर अंकों की भीख क्यों मांग रहे स्टूडेंट्स? जानें वजह


आगरा. ताजनगरी आगरा में स्कूली छात्र और छात्राएं अंकों की भीख मांगने पर मजबूर हो गए हैं. इनके द्वारा लगातार प्रदर्शन भी किया जा रहा है. ये विद्यार्थी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही शहर के सांसद और विधायकों तक के चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस कारण से बच्चों ने अपनी आगे की पढ़ाई भी अब छोड़ रखी है. उनका कहना है कि जब तक हमारी परेशानी का समाधान नहीं किया जाएगा, तब तक पढ़ाई भी नही करेंगे.

दरअसल साल 2020-21 की यूपी बोर्ड की परीक्षा के समय कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे थे, जिसके कारण शासन से आदेश दिया गया था कि बोर्ड की परीक्षा नहीं कराई जाएगी और छात्र/छात्राओं को 9वीं कक्षा के अंक और 10th के प्री बोर्ड के अंकों के हिसाब से प्रमोट किया जाएगा. इसी हिसाब से बोर्ड के द्वारा परिणाम भी घोषित कर दिया था.

इसी तरह आगरा के प्रताप नगर पर स्थित श्रीमती वैजयंती देवी इंटर कॉलेज के करीब 128 छात्र/छात्राओं ने सत्र 2020-21 की प्री बोर्ड की परीक्षा दी थी. इन सभी बच्चों को प्रमोट तो कर दिया गया, लेकिन उनकी मार्कशीट पर अंक नहीं लिखे गए. जिस कारण उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में जब विद्यार्थियों के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से बात की तो उन्होंने इसे बोर्ड की गलती बताई. वहीं अधिकारियों के द्वारा स्कूल प्रशासन पर लापरवाही बरतने की बात कही जा रही है. हालांकि स्कूल और बोर्ड की लड़ाई से नुकसान विद्यार्थियों का हो रहा है.

हाथ में कटोरा लेकर मांग रहे अंकों की भीख
इसी मामले को लेकर शुक्रवार को गड़ी भदौरिया स्थित वैजयंती देवी इंटर कॉलेज के विद्यार्थी जिला मुख्यालय पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने एडीएम सिटी अंजनी कुमार से धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद आगरा उत्तर से विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल की गाड़ी का विद्यार्थियों ने घेराव कर दिया. उन्होंने विधायक से हाथ में कटोरा लेकर अंकों की भीख मांगनी शुरू कर दी. इस पर बीजेपी विधायक ने उनको आश्वासन दिया कि उनकी बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई जाएगी.

स्कूल प्रिंसिपल ने बताई बोर्ड की गलती
वैजयंती देवी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल नितेश शर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां वर्ष 2020-21 सत्र में 10वी कक्षा के 128 बच्चों को प्रमोट किया गया था, लेकिन उनकी अंकतालिका में अंक नहीं दिए गए हैं. जबकि स्कूल के द्वारा सभी डॉक्यूमेंट समयानुसार बोर्ड को भेज दिए गए थे. बोर्ड के द्वारा लापरवाही बरती गई और बच्चो के भविष्य के साथ के खिलवाड़ किया गया है. इसके लिए हमने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी तक को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है. उसके बाद भी बच्चों की परेशानी को समाप्त नहीं किया जा रहा है.’

छात्र/छात्राओं ने छोड़ी पढ़ाई
अंकतालिका में अंक नहीं आने से यह सभी छात्र-छात्राएं परेशान हैं. ये सभी लगातार प्रशासनिक अधिकारी और स्कूल के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इससे क्षुब्ध को लेकर इन्होंने अब अपनी आगे की पढ़ाई छोड़ दी है. छात्राओं का कहना है कि जब तक हमारी हाई स्कूल की मार्कशीट में अंक अंकित नहीं किए जाएंगे, तब तक हम आगे की पढ़ाई नहीं करेंगे. इस मामले के हम केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

केंद्रीय मंत्री बघेल ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बताया कि ये सभी बच्चे अपनी परेशानी लेकर मेरे पास आए थे, जिसके बाद मैंने खुद माध्यामिक शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी को पत्र लिखकर मदद मांगी थी और उनको फोन पर भी अवगत कराया था. हालांकि जिस समय बोर्ड का रिजल्ट का ऐलान होने को था, उससे पहले ही बोर्ड के द्वारा स्कूल प्रिंसिपल से डॉक्यूमेंट्स मांगे गए थे, लेकिन स्कूल के द्वारा बोर्ड को समयानुसार डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं कराए गए, जिसके कारण यह समस्या बच्चों के सामने आई है.

स्कूल को नोटिस भेजकर जांच के दिए आदेश
डीआईओएस मनोज कुमार ने बताया कि वैजयंती देवी इंटर कॉलेज के 128 बच्चों को प्रमोट किया गया था. रिजल्ट डिक्लेयर करने से पहले ही बोर्ड के द्वारा लगातार स्कूल को डॉक्यूमेंट्स भेजने के लिए कहा गया, लेकिन समयनुसार स्कूल ने कोई भी डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध नहीं कराए थे, जिसकी वजह से मार्कशीट पर अंक नहीं आए हैं. इस मामले में स्कूल को नोटिस दिया गया है और जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी गई है. जल्द की बच्चों की समस्या को दूर किया जायेगा.

बोर्ड और स्कूल की लड़ाई में पिस रहे बच्चे
चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस ने कहा कि इस तरह से बच्चों के भविष्य के साथ में खिलवाड़ किया जा रहा है. अगर मार्कशीट पर अंक नही लिखे गए है तो वो मार्कशीट किसी मतलब की नही है, और बच्चे अब दोबारा से 10वी की परीक्षा देते है तो वह तीन साल पीछे हो जायेंगे. स्कूल बोर्ड पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है तो बोर्ड के द्वारा स्कूल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया जा रहा है. इसमें नुकसान सिर्फ बच्चो का हो रहा है. अगर इस मामले में जल्द ही कोई एक्शन नहीं लिया गया तो बच्चो को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

बोर्ड और स्कूल की लड़ाई में पिस रहे बच्चे
चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस कहते हैं कि इस तरह से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. अगर मार्कशीट पर अंक नहीं लिखे गए हैं तो वो मार्कशीट किसी मतलब की नहीं है और बच्चे अब दोबारा से 10वीं की परीक्षा देते हैं तो वह तीन साल पीछे हो जाएंगे. इसमें नुकसान सिर्फ बच्चों का हो रहा है. अगर इस मामले में जल्द ही कोई एक्शन नहीं लिया गया तो बच्चों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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