23 साल बाद IRS अफसर अरविन्द मिश्रा को मिली 6 साल की सजा, 15 हजार रुपए की ली थी घूस


हाइलाइट्स

29 नवंबर 1999 को तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स अरविंद मिश्रा घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हुए थे
कोर्ट ने कहा- अगर वह इस भ्रष्टाचार के मामले में शामिल न होते तो वर्तमान में वह शीर्ष के अफसर होते

लखनऊ. नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने के लिए घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए आईआरएस अफसर और तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स अरविंद मिश्रा को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए छह साल की सजा और डेढ़ लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. कोर्ट के आदेश के बाद दोषी अरविंद मिश्रा को पुलिस जेल ले गई.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोषी अरविंद मिश्रा 1989 में यूपीएससी के जरिए चयनित होकर भारतीय राजस्व सेवा में आए थे, अगर वह इस भ्रष्टाचार के मामले में शामिल न होते तो वर्तमान में वह शीर्ष के अफसरों में शामिल होते. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने तमाम फैसलों में कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को ऐसा कठोर दंड दिया जाए जिससे समाज में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाना संभव हो सके. ऐसे आरोपियों के प्रति सहानुभूति और नम्र व्यवहार किए जाने से समाज में गलत संदेश जाएगा और न्यायपालिका पर भी सवालिया निशान लग सकता है.

23 साल बाद हुए दोषी करार 

अभियोजन के मुताबिक 29 नवंबर 1999 को सीबीआई ने तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स अरविंद मिश्रा को 15 हज़ार रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ 13 अगस्त 2001 को चार्जशीट लगाई थी, लेकिन शासन से अभियोजन स्वीकृति नहीं ली गई थी. लिहाजा 30 नवंबर 2015 को आरोपी को इस मामले से डिस्चार्ज कर दिया गया था. हालांकि, सीबीआई ने बाद में इस मामले में अभियोजन स्वीकृति लेकर फिर से चार्जशीट दाखिल की थी. अब लगभग 23 साल बाद अरविन्द मिश्रा को दोषी करार देते हुए उन्हें 6 साल की जेल की सजा सुनाई गई है.

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