2024 में रामलला का जन्मोत्सव होगा खास, रामनवमी पर सूर्य की किरण से प्रकाशमान होगा ललाट


हाइलाइट्स

2024 के रामनवमी पर रामलला के ललाट पर सीधे सूर्य की रोशनी पड़ेगी
इसके लिए सीबीआरआई की टीम ने मंदिर का निरीक्षण किया है

अयोध्या. 2024 में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद  रामलला का जन्मोत्सव बेहद खास होने वाला है. 2024 में पड़ने वाली रामनवमी के दिन भव्य मंदिर में ठीक दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरण से भगवान राम के ललाट को प्रकाशमान करेगा. जन्मोत्सव के मौके पर रामलला के ललाट को प्रकाशित करने वाली दोपहर 12:00 बजे की पहली किरण को गर्भगृह तक लाने की कवायद में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक जुटे हैं, जिसका प्रेजेंटेशन ट्रस्ट के सामने पेश किया गया.

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है. ट्रस्ट की मंशा है कि दिसंबर 2023 तक भगवान रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाए और मकर संक्रांति 2024 को भगवान रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो. इसी के साथ ही 2024 में पड़ने वाली रामनवमी पर भगवान रामलला के जन्म के समय यानी कि दोपहर में 12:00 बजे सूर्य की किरणें सीधे भगवान रामलला के मस्तक को प्रकाशित करें, कुछ ऐसी योजना बनाई जा रही है. इसके लिए बीते दिनों वैज्ञानिकों की एक टीम ने मंदिर का निरीक्षण किया था और अपनी योजना का प्रजेंटेशन भी ट्रस्ट की बैठक में कागजों और प्रोजेक्टर के जरिए रखा था.

सीबीआरआई की टीम ने दिया प्रेजेंटेशन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आकाश से सूर्य की किरण को रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे भगवान के मस्तक पर कैसे लाया जाएगा, इसको लेकर बीते दिनों सीबीआरआई ( सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) के डायरेक्टर प्रदीप कुमार ने बैठक की. इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों की टीम को कागजों और प्रोजेक्टर के जरिए समझाने का प्रयास किया. बीते दिनों ट्रस्ट की बैठक में सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की पूरी टीम आई थी, जिसने भगवान राम लला के मस्तक पर सूर्य की किरण को ठीक रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे तक लाने के लिए अपनाई जा रही तकनीकी के बारे में समझाया है.

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